कल की चर्चा से यह तो साफ हो गया था कि पाकिस्तान का मकसद क्या है और उसे पूरा करने के लिये उसने क्या क्या नहीं किया। अब इतनी बार विफल होने के बाद वह अब कभी कश्मीर में स्वशासन की मांग करता है तो कभी कश्मीर से भारतीय सेना को हटाने की मांग करता है। जहां तक कश्मीर से भारतीय सैनिकों का हटाने का सवाल है उन्हें तब तक नहीं हटाया जा सकता जब तक कि हमलावरों को खदेड़ा नहीं जाता।जों कि अभी तक चल रहा है।
पाकिस्तान कश्मीर की जनता के लिये आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग करता है। आत्मनिर्णय का अध्रिकार केवल साम्राज्यवाद से पीडित देशों को पराधीनता से मुक्त करने के लिये दिया गया था जबकि कश्मीर तो भारतीय संघ में शामिल होने के लिये विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से ही भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है।
पाकिस्तान का मूर्खता पूर्ण तर्क यह है कि कश्मीर घाटी और डोडा क्षेत्र में मुस्लिम बहुल होने के कारण इन्हे पाकिस्तान में शामिल कर देना चाहिये। भारत धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने का विरोधी है।वैसे भी भारत एक बहुजातीय, बहुधार्मिक और बहुभाषाई देश है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ का कहना है कि कश्मीर समस्या को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका है कि जम्मू कश्मीर को निम्नलिखित पांच क्षेत्रों मे बांट दिया जाये- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, उत्तरी क्षेत्र कश्मीर घाटी, लदृदाख और जम्मू। इन सभी क्षेत्रों को पूर्ण स्वायत्ता प्रदान की जाये। पर योजना के विश्लेषण से पता चलता है कि धार्मिक आधार पर विभाजन के अलावा और कुछ नहीं है।
भारत जैसा धार्मिक आधार पर बंटवारे का विरोधी देश इस बात को कैसे स्वीकार कर सकता है। भारत कश्मीर में कुछ क्षेत्र के लिये नहीं लड़ रहा है। वह कश्मीर में उन सिद्धान्तों के लिये लड़ रहा है जो हमारे देश के संविधान और जीवनाशैली का महत्वपूर्ण अंग हैं।
पाकिस्तान कश्मीर की जनता के लिये आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग करता है। आत्मनिर्णय का अध्रिकार केवल साम्राज्यवाद से पीडित देशों को पराधीनता से मुक्त करने के लिये दिया गया था जबकि कश्मीर तो भारतीय संघ में शामिल होने के लिये विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद से ही भारत का अभिन्न अंग बना हुआ है।
पाकिस्तान का मूर्खता पूर्ण तर्क यह है कि कश्मीर घाटी और डोडा क्षेत्र में मुस्लिम बहुल होने के कारण इन्हे पाकिस्तान में शामिल कर देना चाहिये। भारत धार्मिक आधार पर लोगों को बांटने का विरोधी है।वैसे भी भारत एक बहुजातीय, बहुधार्मिक और बहुभाषाई देश है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ का कहना है कि कश्मीर समस्या को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका है कि जम्मू कश्मीर को निम्नलिखित पांच क्षेत्रों मे बांट दिया जाये- पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, उत्तरी क्षेत्र कश्मीर घाटी, लदृदाख और जम्मू। इन सभी क्षेत्रों को पूर्ण स्वायत्ता प्रदान की जाये। पर योजना के विश्लेषण से पता चलता है कि धार्मिक आधार पर विभाजन के अलावा और कुछ नहीं है।
भारत जैसा धार्मिक आधार पर बंटवारे का विरोधी देश इस बात को कैसे स्वीकार कर सकता है। भारत कश्मीर में कुछ क्षेत्र के लिये नहीं लड़ रहा है। वह कश्मीर में उन सिद्धान्तों के लिये लड़ रहा है जो हमारे देश के संविधान और जीवनाशैली का महत्वपूर्ण अंग हैं।
1 टिप्पणी:
दीप्ति जी ,कश्मीर समस्या का हल राजनीति की गलिओं के अन्धियारे में खो जाता है ।
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