शुक्रवार, 14 दिसंबर 2007

कैसे करते हैं आप दान?

क्‍या आपने कभी दान किया है। हम में से बहुत लोगों ने किया होगा। किसी चैरिटी के नाम दान किया होगा और देते समय यह सोचा होगा कि आज हमने बहुत अच्‍छा काम किया है और दिल को बहुत सुकून मिला होगा। पर आपको विश्‍वास है कि आपका यह दान सही हाथों में पहुंचा होगा। क्‍या दान करके ही आप अपने कत्‍वर्य से मुक्‍त हो गये? नहीं। अगर आप सही में किसी जरूरत मंद की मदद करना चाहते हैं तो जाइये रात को और देखिये फुटपाथ पर कितने ही गरीब आपको ठंड में कम्‍बल और रजाई के बिना ठिठुरते हुऐ सोते मिल जाऐगें। जाइये उन्‍हें चुपके से कम्‍बल उढ़ा आइये। और बिन बताऐं वापस आ जायें। देखिये आपको कितना सुकून मिलेगा। मेरे विचार से तो वह ही सही मायनो में दान है।
कभी सोचा है आपने इन अनाथलयों के लिये इतने बड़े बड़े लोग दान करते हैं पर फिर भी वहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं आता। कारण पैसा सही हाथों में ना पहुचंना है। अगर आप सच में अनाथ बच्‍चों की मदद करना चाहते हैं तो खुद जाइये और अपने हाथों से उन्‍हें उनकी जरूरत का सामान बांट कर आइये।
दरअसल असली बात यह है कि हम में से इतना वक्‍त किसी के पास नहीं है कि स्‍वंय जाकर किसी की जरूरतों को जाने। इसलिये चेक या रूपये देकर इतिश्री कर लेते हैं। तो अगली बार अगर आप दान करने के बारे में सोचें तो एक बार मेरी बात पर अवश्‍य गौर कर लीजियेगा।

4 टिप्‍पणियां:

अजित वडनेरकर ने कहा…

दीप्ति आपकी बात एकदम सही है। मुझे यही तरीका सही लगता है।

बालकिशन ने कहा…

आपके उच्च विचारों का कायल हो गया हूँ.
एक सच्ची और सीधी बात कही आपने.
सच ही है आज हम मे से कितने लोग इस तरह के विचार रखते होंगे?

अजय कुमार झा ने कहा…

deepti jee,
subh sneh. chaliye achha hai ki likhne ke liye aap roz kuch naya vishay soch rahee hain . ye bilkul sahee baat hai ki daan kaa adhikansh bhag un tak nahin pahunch raha hai jinhey sachmuch iskee aawashayktaa hai.

apke agle chitthon mein aapkee prishthbhumi mein mahilaon kee sthiti aur haalaat par bhi kuch padhne ko milega iski ummid kar sakta hoon? kya aapko pata hai ki bhaaritya mool ki britainee mahilain yahan sirf islye aa rahe hain ki kanya bhroon hatya karwa sakein. ek baat aur mein sochtaa hoon ki aapko bbc hindi sewa jaroor sunnanee chahiye.

aapka,
jholtanma.

बेनामी ने कहा…

Dear Deepti,
apki bhavna aur soch prabhavshali hai.Aisi hi soch ke jwar bhate anek dilo mein ubharte girte honge lekin unhe sakar roop dene ki jahmat uthana sabke bus ki baat nahi.Aapse apeksha hai ki aap is disa mein kuch sakriya kadam uthayen.vishwas hai, mere jaise kai log aapka har sambhav sahyog karne ka prayas karenge. "MEGHA"