शनिवार, 24 नवंबर 2007

हरे मोदी हरे गुजरात


आजकल भारतीय जनता पार्टी यह राग अलापते नजर आ रही है। और इस नवीन रचना के रचियता है नरेन्‍द्र मोदी। भाजपा यह अच्‍छी तरह से जानती है कि आने वाले गुजरात के विधानसभा चुनावों मे अगर कोई उन्‍हे जीत का सेहरा बंधा सकता है तो वह नरेन्‍द्र मोदी ही हैं। यह कहना गलत ना होगा कि आज नरेन्‍द्र मोदी का कद गुजरात से ऊंचा हो गया है। इस समय भाजपा मोदी के बगैर जीतना तो दूर चुनाव के मैदान में उतरने की भी नहीं सोच सकती।

गुजरात में अगले माह होने जा रहे विधान सभा चुनावों में स्थिति कुछ ऐसी बनी हुई है कि मैदान में एक तरफ नरेन्‍द्र मोदी हैं और दूसरी ओर बाकी सभी पार्टियां। और मोदी हर त‍रह से सब पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। और इन सब के पीछे है गुजरात की जनता का वह विश्‍वास जो उन्‍होने अपने मुख्‍यमंत्री पर जताया है। वैसे गुजरात की जनता के मोदी पर भरोसा जताने के कारण भी हैं। वह मोदी ही हैं जिन्‍होनें गुजरात को देश का सबसे श्रेष्‍ठ राज्‍य बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

जब 2001 में नरेन्‍द्र मोदी ने कार्यभार संभाला था तो उस समय पूरा प्रदेश जनवरी में आये भूकम्‍प की मार से ग्रस्‍त था। सूखे का प्रकोप कुछ ऐसा था कि सारा राज्‍य रेगिस्‍तान बनता जा रहा था। पर मोदी ने माली बनकर अपने इस उजड़े हुऐ बाग को फिर से सजाया संवारा। उन्‍होने राज्‍य में कई कुऐं खुदवाऐ, तालाबों का पुन:निमार्ण कराया। और उनकी मेहनत रंग लायी। आज मोदी का बगीचा फिर से हरा-भरा हो गया है। इतना कि देश के शेष सभी राज्‍यों के लिये वह मॉडल प्रदेश बन गया है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि नरेन्‍द्र मोदी एक सफल मुख्‍यमंत्री रहे हैं और अपने लक्ष्‍यों के प्रति उनमें अर्जुन जैसी निष्‍ठा भी है। उन्‍होनें गुजरात को आर्थिक रूप से काफी मजबूत किया है। उन्‍होने राज्‍य में बिजली, पानी, और बालिका शिक्षा जैसी समस्‍याओं को दूर करने के लिये बहुत मेहनत भी की है।

यहां तक कि भाजपा भी पूरी तरह से मोदी पर ही आस लगाये है। यह भी सच है कि मोदी के पार्टी से हटते ही भाजपा रेत के टीले की तरह ढ़ह जाऐगी।एक कड़वा सच यह भी है कि नरेन्‍द्र मोदी के शत्रुओं की गिनती दूसरे दलों के साथ साथ स्‍वयं भाजपा में भी है।परन्‍तु वह एक सफल रणनीतिकार हैं और अपने शत्रुओं के फन को कुचलना वह अच्‍छी तरह जानते हैं। ठीक चुनाव से पहले उनके लिये उनके शत्रुओं ने उनके लिये कई तरह की समस्‍याऐं पैदा करने को तमाम कोशिशें भी की पर नरेन्‍द मोदी के जादू के सामने सब कुछ व्‍यर्थ रहा। वह सचमुच किसी जादूगर से कम नहीं हैं।

वर्तमान परिदृश्‍य से तो यही संकेत मिल रहे हैं कि नरेन्‍द्र मोदी मजबूत स्थिति में है और कुल मिलाकर यही कहा जा सकता है कि मोदी अपने दम पर गुजरात में चुनाव जीतने की हिम्‍मत रखते हैं। अपनी पार्टी से ना ही वह कोई उम्‍मीद रखते है और ना ही कोई आशा। और यदि वह अपनी जीत के प्रति आश्‍वस्‍त हैं तो इसका श्रेय भी उनके द्वारा किये गये विकास कार्यों को जाता है।

5 टिप्‍पणियां:

darshan ने कहा…

मोदी हिंदुत्व और विकास दोनों की बात करते हैं तथा उस पर अमल करते हैं इसलिए सफल हैं और आगे भी होंगे. भाजपा को भी सफल होना है तो विचारधारा और विकास दोनों ओर देखना होगा या कमान मोदी को देनी होगी.
-दर्शन

बेनामी ने कहा…

सर्वेक्षण में जनता से पुछा गया की उनके लिये क्या बात महत्त्व रखती है?
और सड़क, बिजली, रोटी जैसे मुद्दे आस-पास नहीं...आर्थिक विकास ही मुख्य मुद्दा बचा है. यह कमाल है.

Divine India ने कहा…

बाकी कुछ हो न हो मगर मोदी हैं तो कहानी है…।

संजीव कुमार ने कहा…

आपनॆ मानव विकास कॊ एक व्यक्ति सॆ जॊडकर दॆखना सीख लिया है.

Unknown ने कहा…

जनता लिये क्या बात महत्त्व रखती है? आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास ......
आर्थिक विकास(सड़क,बिजली,रोटी जैसे मुद्दे)ही मुख्य मुद्दा है..
और मोदी आर्थिक विकास की बात पर अमल करते हैं इसलिए मोदी सफल होंगे.