इनकी पदचाप किसी को सुनाई नहीं दे रही है…………ये प्रलय की पदचाप है जो धीरे धीरे हमारी ओर आ रही है। हमें लगता है कि प्रलय शायद एक दिन आऐगी और सब कुछ खत्म हो जाऐगा। पर ऐसा जरूरी नहीं है। अगर आप ध्यान दें तो आपको महसूस होगा कि पिछले कुछ वर्षों मे सारी दुनिया मे ऐसी घटनाऐं घटी हैं कि जिसमें तबाही ही तबाही हुई है। याद कीजिये वर्ल्ड ट्रेड सेंटर का हादसा, ईराक और अमेरिका का युद्ध, गोधरा कांड और भी बहुत सारे हादसे। और हाल के कुछ दिनों की बात करें तो नैना देवी हादसा, बिहार मे आयी बाढ़ विनाश का ही तो संकेत है।
पिछले कुछ दिनों मे बैंगलोर, अहमदाबाद और राजधानी दिल्ली में हुऐ लगातार बम विस्फोटों ने तो सारे देश को क्या सारी दुनिया को हिला कर रख दिया है। एक ओर ओर तो हम परमाणु परीक्षण समझौते के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश की सुरक्षा की अनदेखी की जा रही है। अगर हम सोचें कि ये परमाणु समझौते हमारे लिये क्यो महत्वपूर्ण है,,,,,देश की तरक्की और उन्नति के लिये ना। पर हर आम आदमी अपनी प्रगति से पहले अपनी जान की सुरक्षा चाहता है। जिसकी सरकार अनदेखी कर रही है। पाटिल का बयान आता है कि हमें विस्फोटों की जानकारी पहले से थी पर जगह और दिन नही पता था। तो क्या उनकी जिम्मेदारी यह नहीं बनती थी कि राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया जाऐ, चौकसी और कड़ी कर दी जाऐ। और भीड़-भाड़ वाले इलाकों मे क्लोज सर्किट कैमरे लगाऐ जायें।
ऐसे लोगों के हाथों मे सुरक्षा व्यवस्था देकर हम कैसे अपने घरों चैन की नींद सो सकते हैं?
ये तो शुरूआत है। अभी तो हमें बहुत से हादसों और विनाशकारी घटनाओं से रूबरू होना है……………….
बुधवार, 17 सितंबर 2008
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
4 टिप्पणियां:
apne sahi kaha hai.....shru mai hi ilaaj hona chahiye nahi to fir ye laailaaj ho jaega
डरावना है.. लेकिन हमें सोचना पडे़गा हम किसे चुन कर भेजते है
इस पृथ्वी पर अनेक बार सृष्टी हुई और अनेक प्रलय। फिर एक दिन होगी हीं। लेकिन अब हीं होने वाली है ऐसा कहने का कोई आधार नही है। कब प्रलय होगा यह बताना वैज्ञानिक या ज्योतिषीय विद्या से बताना सम्भव नही प्रतित होता है। हां, अध्यात्मिक दृष्टी से आप अनुभुतियां कर सकती है।
HI DEEPTI I AM FRIEND OF SAURABH. SUNA HAI AAJKAL SAURABH DELHI MAI HE HAI .PLZ SAURABH KA PHONE NO SEND KAR DENA.
DHAMI
एक टिप्पणी भेजें