बुधवार, 26 दिसंबर 2007

हम तो ऐसे हैं भइया,,,,,,,,

मोदी की लगातार गुजरात चुनाव में तीसरी जीत से तो ऐसा ही लगता है कि मानो मोदी कह रहे हों कि ‘हम तो ऐसे हैं भइया’ और चुनावों के परिणामों में ‘ये होना ही था’,,,,,,,,,,,, साथ ही यह जीत मोदी का उन लोगों को करारा जवाब भी है जिन्‍होने मोदी को गुजरात चुनाव से पहले ‘मौत का सौदागर’ बताया था।

किसी राज्‍य का लगातार तीसरी बार मुख्‍यमंत्री बनना कोइ हास्‍य का विषय नही है साथ ही ये इस बात का पुख्‍ता सबूत भी है कि राज्‍य की जनता उस व्‍यक्ति पर कितना विश्‍वास करती है।एक बार को जनता का यकीन जीतना तो कदाचित सरल हो सकता है पर सबसे अधिक मुश्किल कार्य होता है उस य‍कीन को कायम करना। पर नरेन्‍द्र मोदी ने इस नामुमकिन काम को भी संभव कर दिखाया है।

राज्‍य की बागडोर तीसरी बार मोदी के हवाले करके वहां की जनता ने यह जता दिया है कि मोदी पर चुनावों से ठीक पहले लगे बे‍बुनियाद इल्‍जाम भी उनके मोदी के प्रति विश्‍वास को नहीं डगमगा सके। गुजरात की जनता अपने राज्‍य में विकास चाहती है। देश का सबसे विकसित राज्‍य बने रहना चा‍हती है और वह यह भी जानती है कि यह स्‍वप्‍न केवल मोदी ही पूरा कर सकते हैं।

गुजरात की जनता को बेवकूफ बनाना इतना आसान नहीं है। अगर उसने मोदी को जिताया है तो इसके पीछे वजह है गुजरात में हुआ विकास कार्य, जो कि मोदी की छत्रछाया मे हुआ है। आज का युवा पढ़ा लिखा और समझदार है। वह जानता है कि उसके लिये क्‍या सही है और क्‍या गलत है। यदि कोई व्‍यक्ति उसके राज्‍य में विकास को प्रोत्‍साहन दे रहा है और यह विकास केवल कागजों पर नहीं बल्कि हकीकत में उसके सामने हो रहा है तो वह अपनी आंखों पर यकीन करेगा या फिर उन बातों पर जो कि मीडिया उन्‍हे दिखा रहा है। यकीनन इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि मोदी पर उनका विश्‍वास अटल है और वह किसी बाहरी व्‍य‍क्ति के बहकावे में आकर इसे नहीं डिगायेगें।

8 टिप्‍पणियां:

Yatish Jain ने कहा…

आप ने सही कहा. मोदी जब पहली बार मुख्यमन्त्री बने थे तब गुजरात 6 नम्बर पे था और आज नम्बर 1 है, काग्रेस के द्वारा किये गये सर्वे भी यही कहते है. जनता को बेवकूफ बनाना इतना आसान नही है.

उमाशंकर सिंह ने कहा…

चीज़ें इतनी सरल बेशक ना हों पर फिलहाल सत्य तो यही है! आप लिखती रहें।

जेपी नारायण ने कहा…

बात निकलेगी तो बहुत दूर तलक जायेगी। बस।

संजय बेंगाणी ने कहा…

गुजराती घूमक्कड़ है, दुनिया देखी है. अतः समझदार है.

MEDIA GURU ने कहा…

JI BILKUL MAI AAPSE SAHMAT HOON.
MADI NE BHRASTACHAR MUKT VIKAS KAR RAHE HAI. ISLIYE TO JEETA " VIKAS KA SAUDAGAR".

गौरव सोलंकी ने कहा…

मीडिया का आदमी लिखे तो लगना चाहिए कि किसी के पक्ष या विपक्ष में नहीं लिखा गया है। आप अपनी व्यक्तिगत विचारधारा को तथ्यों एवं तर्कों पर हावी न होने दें।
शुभकामना।
लिखती रहें।

रिमझिम ने कहा…

मैं आपसे बिल्कुल भी सहमत नही हू क्योकि वो व्यक्ति सही कैसे हो सकता है जो किसी एक धर्म को बढावा देता हो और जिसे सर्वोच्च अदालत ने भी फटकारा हो ?
कैसे... आख़िर कैसे ?
रही बात उनके जितने की तो आपको यह समझना चाहिए की वहा की सरकार भी उनकी मुट्ठी मे थी |

Avanish Gautam ने कहा…

:)