रविवार, 21 अक्टूबर 2007

कोहिनूर हीरा कहां है?



दुनिया के सभी हीरों का राजा है कोहिनूर हीरा।इसकी कहानी भी परी कथाओं से कम रोमांचक नहीं है।कोहिनूर के जन्‍म की प्रमाणित जानकारी न‍हीं है पर कोहिनूर का पहला उल्‍लेख 3000 वर्ष पहले मिला था।इसका नाता श्री कृष्‍ण काल से बताया जाता है।पुराणों के अनुसार स्‍वयंतक मणि ही बाद में कोहिनूर कहलायी।ये मणि सूर्य से कर्ण को फिर अर्जुन और युधिष्ठिर को मिली।फिर अशोक, हर्ष और चन्‍द्रगुप्‍त के हाथ यह मणि लगी।सन्1306 में यह मणि सबसे पहले मालवा के महाराजा रामदेव के पास देखी गयी।मालवा के महाराजा को पराजित करके सुल्‍तान अलाउदीन खिलजी ने मणि पर कब्‍जा कर लिया।बाबर से पीढी दर पीढी यह बेमिसाल हीरा अंतिम मुगल बादशाह औरंगजेब को मिला। ’ज्‍वेल्‍स आफ बिट्रेन’ का मानना है कि सन् 1655 के आसपास कोहिनूर का जन्‍म हिन्‍दुस्‍तान के गोलकुण्‍डा जिले की कोहिनूर खान से हुआ।तब हीरे का वजन था 787 कैरेट।इसे बतौर तोहफा खान मालिकों ने शाहजहां को दिया।सन्1739 तक हीरा शाहजहां के पास र‍हा।फिर इसे नादिर शाह ने लूट लिया।इसकी चकाचौधं चमक देखकर ही नादिर शाह ने इसे कोहिनूर नाम दिया।कोहिनूर को रखने वाले आखिरी हिन्‍दुस्‍तानी शेर-ए- पंजाब रणजीत सिंह थे।सन् 1849 मे पंजाब की सत्‍ता हथियाने के बाद कोहिनूर अंग्रेजों के हाथ लग गया।फिर सन् 1850 में ईस्‍ट इण्डिया कम्‍पनी ने हीरा महारानी विक्‍टोरिया को भेंट किया।इंग्‍लैण्‍ड पंहुचते-पंहुचते कोहिनूर का वजन केवल 186 रह गया।महारानी विक्‍टोरिया के जौहरी प्रिंस एलवेट ने कोहिनूर की पुन: कटाई की और पॉलिश करवाई।सन् 1852 से आज तक कोहिनूर को वजन 105.6 ही रह गया है।सन् 1911 में कोहिनूर महारानी मैरी के सरताज में जड़ा गया।और आज भी उसी ताज में है।इसे लंदन स्थित ‘टावर आफ लंदन’ संग्राहलय में नुमाइश के लिये रखा गया है।
फिलहाल इसे भारत वापस लाने को कोशिशें जारी की गयी हैं।आजादी के फौरन बाद ,भारत ने कई बार कोहिनूर पर अपना मालिकाना हक जताया है।महाराजा दिलीप सिंह की बेटी कैथरीन की सन्1942 मे मृत्‍यु हो गयी थी,जो कोहिनूर के भारतीय दावे के संबध में ठोस दलीलें दे सकती थी।

5 टिप्‍पणियां:

Srijan Shilpi ने कहा…

अच्छी जानकारी जुटाई।
इसी तरह जानकारीपूर्ण पोस्ट लिखती रहें।

Unknown ने कहा…

wah bahut achhi jankari aapne ham sabko batai. aap bahut achha likhti hai. any way keep it up. my god bless u.

बेनामी ने कहा…

अच्छा लिखा है. जानकारी भरा.

Unknown ने कहा…

वाह क्या लिखती हो आप?
बिंदास....
ज़बरदस्त..
और क्या बोलू,,,
आप के विचार उत्तम हैं!
आप के कलम मे बहुत ताकत है
बंद मत करना इसको ..
लगी रहो ..हमलोग साथ हैं...
प्रेम प्रकाश

O.P. PAL ने कहा…

हेल्लो.. दीप्ति जी.. वाकई गुजरात ओ हिमाचल में चुनावी बिगुल बज गया है. जो स्टोरी में लिखने वाला था. वो आपने पहले ही मर दी है. इसी से आपकी कब्लिअत जाहिर हो रही है. वास्तव में आप बड़ी लेखक बनेगी ये दावा मई पहले ही कर चूका हूँ. अब आपसे मिलने की है. ताकि आपसे कुछ गुर ले सकूं और कुछ आपको सुझाव दे सकूं. सधन्यवाद!