मोदी की लगातार गुजरात चुनाव में तीसरी जीत से तो ऐसा ही लगता है कि मानो मोदी कह रहे हों कि ‘हम तो ऐसे हैं भइया’ और चुनावों के परिणामों में ‘ये होना ही था’,,,,,,,,,,,, साथ ही यह जीत मोदी का उन लोगों को करारा जवाब भी है जिन्होने मोदी को गुजरात चुनाव से पहले ‘मौत का सौदागर’ बताया था।
किसी राज्य का लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनना कोइ हास्य का विषय नही है साथ ही ये इस बात का पुख्ता सबूत भी है कि राज्य की जनता उस व्यक्ति पर कितना विश्वास करती है।एक बार को जनता का यकीन जीतना तो कदाचित सरल हो सकता है पर सबसे अधिक मुश्किल कार्य होता है उस यकीन को कायम करना। पर नरेन्द्र मोदी ने इस नामुमकिन काम को भी संभव कर दिखाया है।
राज्य की बागडोर तीसरी बार मोदी के हवाले करके वहां की जनता ने यह जता दिया है कि मोदी पर चुनावों से ठीक पहले लगे बेबुनियाद इल्जाम भी उनके मोदी के प्रति विश्वास को नहीं डगमगा सके। गुजरात की जनता अपने राज्य में विकास चाहती है। देश का सबसे विकसित राज्य बने रहना चाहती है और वह यह भी जानती है कि यह स्वप्न केवल मोदी ही पूरा कर सकते हैं।
गुजरात की जनता को बेवकूफ बनाना इतना आसान नहीं है। अगर उसने मोदी को जिताया है तो इसके पीछे वजह है गुजरात में हुआ विकास कार्य, जो कि मोदी की छत्रछाया मे हुआ है। आज का युवा पढ़ा लिखा और समझदार है। वह जानता है कि उसके लिये क्या सही है और क्या गलत है। यदि कोई व्यक्ति उसके राज्य में विकास को प्रोत्साहन दे रहा है और यह विकास केवल कागजों पर नहीं बल्कि हकीकत में उसके सामने हो रहा है तो वह अपनी आंखों पर यकीन करेगा या फिर उन बातों पर जो कि मीडिया उन्हे दिखा रहा है। यकीनन इस जीत ने यह साबित कर दिया है कि मोदी पर उनका विश्वास अटल है और वह किसी बाहरी व्यक्ति के बहकावे में आकर इसे नहीं डिगायेगें।
बुधवार, 26 दिसंबर 2007
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